Namaskaram, I hope you all are healthy and doing well in your life.
In my previous blog (A mindful conflicts of changing our mobility), we basically talked about our morality and beliefs. Along with that, we had understood only a fraction of 'quality of life, inner happiness and peace', so today we will discuss these points in detail.
And till now if you have not read my previous blog, then I humbly request you to first read it, which will make it easier for you to join this blog.
See, we are stuck in many kinds of complications and social circle for a long period of our life and to get out of it over time, most of us make 'peace' as our ultimate goal. Because many of us have given up the desire for ecstasy and believe that if they can keep calm then it is enough.
But in reality 'peace' is not the only goal of our life. If we want to enjoy the moment, we should live peacefully. If we are not calm then we will not be able to do anything meaningful in our life.
Basically, being calm means that our mental system is completely comfortable. And we know how to drive our mind, emotions, body and energy. So our calm is a basic unit.
See, all these things have nothing to do with our external work. It is connected to our inner systems of how they are working.
It basically means that "neither our body, nor our mind, nor our chemistry, nor our feelings nor our energy" are taking instructions from us. So when our system is not under our control then it becomes impossible to remain calm.
Since our entire body is a very complex system, if we do not run it properly it will cause many problems for us. Because everything that we do is causing fundamental changes in our body.
Therefore, we have to understand that peace is not the biggest goal of our life, it is only one of the most basic needs. If we make peace the only goal, then we will get it only after death.
If we want to handle any thing or situation in our life wisely, then it is basic for us to remain calm and happy. But many people feel that they will find peace elsewhere and not here.
Because we have never paid attention to our inner system of how a human being works? What is the basis of everything happening within us?
We have also got a lot of pleasure facilities in our lifetime, but perhaps happiness has not been achieved yet because happiness will come only when we can adjust the system within ourselves.
Thank you!
Hindi Translation: नमस्कार, मुझे आशा है कि आप सभी स्वस्थ होंगे और अपने जीवन में अच्छा कर रहे होंगे।
हमने अपने पिछले blog (A mindful conflicts of changing our mobility) में मूल रूप से हमारी नैतिकता और मान्यताओं के बारे में बात की थी। उसके साथ ही हमने 'जीवन की गुणवत्ता, भीतरी खुशी और शांति' का कुछ अंश ही समझा था इसलिए आज हम इन्हीं बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
और अब तक यदि आपने मेरा पिछला blog नहीं पढ़ा है तो आपसे विनम्र निवेदन है कि पहले आप उसे अवश्य पढ़ ले जिससे आपको इस ब्लॉग से जुड़ने में अधिक आसानी होगी।
देखिए हम अपने जीवन काल के एक लंबे आयाम तक कई प्रकार की उलझनों तथा सामाजिक चक्रव्यूह में फंसे रहते हैं और समय के साथ इससे बाहर निकलने के लिए हम में से अधिकतर लोग 'शांति' को ही अपना परम लक्ष्य बना लेते हैं क्योंकि हम में से बहुत से लोगों ने परमानंद की इच्छा ही त्याग दी है और उनका मानना है कि अगर वो शांत रह सके तो काफी है।
परंतु वास्तव में 'शांति' ही केवल हमारे जीवन का परम लक्ष्य नहीं है। अगर हमें इस पल का आनंद लेना है तो हमें शांतिपूर्ण ढंग से रहना चाहिए। अगर हम शांत ही नहीं हैं तो हम अपने जीवन में कोई भी कार्य सार्थक रूप से नहीं कर पाएंगे।
मूल रूप से शांत होने का अर्थ है कि हमारा मानसिक तंत्र पूर्ण रूप से सहज है। और हम जानते हैं कि हमें अपने मन को, भावनाओं को, शरीर को तथा ऊर्जा को कैसे चलाना है। इसलिए हमारा शांत होना एक बुनियादी इकाई है।
देखिए इन सभी बातों का हमारे बाहरी कार्यों से कोई लेना देना नहीं है। ये हमारे भीतरी तंत्रों से जुड़ा है कि वो कैसे काम कर रहे हैं।
मूल रूप से इसका अर्थ है कि "न हमारा शरीर, न हमारा मन, न हमारी केमिस्ट्री,न हमारी भावनाएं और न हमारी ऊर्जा" हम से निर्देश ले रहे हैं। तो जब हमारा तंत्र हमारे काबू में नहीं रहता तो शांत रहना असंभव हो जाता है।
चूंकि हमारा संपूर्ण शरीर एक अत्यधिक जटिल तंत्र है इसलिए यदि हम इसे सही ढंग से नहीं चलाते तो यह हमारे लिए कई तरह की समस्याएं पैदा करेगी। क्योंकि हर वो चीज जो हम करते हैं इसके कारण हमारे शरीर में बुनियादी बदलाव आ रहे हैं।
इसलिए हमें यह समझना होगा कि शांति हमारे जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य नहीं है ये केवल एक सबसे बुनियादी जरूरत है। अगर हम शांति को ही पूर्ण लक्ष्य बनाएंगे तो हमें वह मृत्यु के पश्चात ही मिलेगी।
अगर हम अपने जीवन में किसी भी चीज या परिस्थिति को समझदारी से निभाना चाहते हैं तो हमारे लिए शांत और खुश रहना बुनियादी बात है। पर कई लोगों को लगता है कि उन्हें कहीं और जाकर शांति मिलेगी यहां नहीं। क्योंकि हमने कभी अपने भीतरी तंत्र पर ध्यान नहीं दिया है कि एक इंसान कैसे काम करता है? हमारे भीतर जो भी कुछ हो रहा है उसका आधार क्या है?
हमने अपने जीवन काल में बहुत सारी सुख सुविधाएं भी पा ली हैं पर शायद खुशहाली अभी तक नहीं मिली है क्योंकि खुशहाली तभी आएगी जब हम अपने भीतर ही तंत्र को अपने अनुसार कर लेंगे।
धन्यवाद!
So inspiring keep sharing
ReplyDeleteSure, Thank you
Deletekeep going... good article
ReplyDeleteThank you so much
DeleteSo true
ReplyDeleteYup..Thanks
DeleteExcellent
ReplyDeleteThanks
DeleteNice content.
ReplyDeleteThank you
DeleteNice
ReplyDeleteThanks
Deleteइसे पढ़ने के बाद हमें विश्वास है कि यह एक सीरियल ब्लाग होने वाला है जिसका निष्कर्ष तुम तीसरे या पांचवे लेख में देना पसंद करोगे.. .
ReplyDeleteबेहतरीन प्रस्तुति
अभी तक इस बारे में हमने सोचा नहीं परंतु आवश्यकता की अनुभूत के अनुसार ऐसा संभव हो सकता है। 🙏🙂
Deleteधन्यवाद।
Good one !!
ReplyDeleteThank you 🙂
Deletevery nice
ReplyDeleteThank you
DeleteGreat words 👍
ReplyDeleteYeah!
DeleteThanks
I must say these are great words👍
ReplyDeleteThanks for understanding....
Deleteबढ़िया
ReplyDeleteधन्यवाद जी
DeleteGood job
ReplyDeleteThank you
DeleteGood
ReplyDeleteThanks
DeleteNice
ReplyDeleteThank you
DeleteInformative post
ReplyDeleteYeah! Thank you
DeleteBahut hi umda likha hai bhai...
ReplyDeleteDhanyawad bhaiji....
DeleteGood post
ReplyDeleteDevoted to healthy lifestyle. Well content !
ReplyDeleteThank you Sir
DeleteGreat content. ❤
ReplyDeleteAlso read https://healthgenius15.blogspot.com/2020/05/the-giver.html
Thank you ma'am🙏
Deletewell composed and enlightening!
ReplyDeleteThank you
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